जो और मन्दमति होटल हैं उनको ' बिना ढक्कन का बोतल ' कहते हैं।
2.
उन्होंने अधिकारियों से यह भी कहा कि शहर में सीवर का कोई भी मेनहॉल बिना ढक्कन का नहीं होना चाहिए।
3.
यदि पानी के टैंकरों को रिसता या बिना ढक्कन का पाया गया तो उन पर पांच सौ रुपए का जुर्माना भी होगा।
4.
उससे लगता है कि समाज की हर टीस और कराह पर युवा कवियों की निगाह है-मेरे घर के बाहर एन सड़क पर बिना ढक्कन का मेनहोल है और घर में है मेरी पांच साल की बेटी मैं निठारी से बहुत दूर नहीं रहता
5.
इस आकार में समाये थे, एक गया गुज़रा हवा का पम्प,गंदे पानी से भरा एक घमेला, हद दर्ज़े तक काला और तेल से चिप चिप कपड़ा, बिना ढक्कन का एक डब्बा जिसमें तमाम नट, बोल्ट, पाने,स्क्रू ड्राईवर और न जाने क्या क्या पड़ा रहता था.
6.
“, मैनें स्पष्ट किया”मूर्ख था “, वह बुदबुदाया । ” जी!!“ मैं चौंका । ”कुछ नहीं.........और क्या-क्या था उसमें?“ ”एक बिना ढक्कन का पेन, कुछ सफ़ेद कागज़ कुछ अस्वीकृत रचनाओं सहित नई रचनाएं“क्या फालतू सामन बता रहे हो! कोई कीमती सामन था उसमें?” “हाँ” “क्या?” “मेरा अमूल्य साहित्य । ” “पता नहीं कहाँ-कहाँ से आ जाते हैं ।
7.
“, मैनें स्पष्ट किया ” मूर्ख था “, वह बुदबुदाया । ” जी!! “ मैं चौंका । ” कुछ नहीं......... और क्या-क्या था उसमें? “ ” एक बिना ढक्कन का पेन, कुछ सफ़ेद कागज़ कुछ अस्वीकृत रचनाओं सहित नई रचनाएं “ क्या फालतू सामन बता रहे हो! कोई कीमती सामन था उसमें? ” “ हाँ ” “ क्या? ” “ मेरा अमूल्य साहित्य । ” ” पता नहीं कहाँ-कहाँ से आ जाते हैं ।
8.
निठारी कांड जैसे दुस्वप्न पर युवा कवि कल्लोल चक्रवर्ती ने अपनी कविता दु समय में एक आम आदमी की बेबसी को जिस मार्मिक तरीके से अभिव्यक्त किया है, उससे लगता है कि समाज की हर टीस और कराह पर युवा कवियों की निगाह है-मेरे घर के बाहर एन सड़क पर बिना ढक्कन का मेनहोल है और घर में है मेरी पांच साल की बेटी मैं निठारी से बहुत दूर नहीं रहता तो यह समय, जो हर पीढ़ी के लिए नई तरह से कठिन होता है, हर दौर की कविता को पुरानी कविता से अलग करता है।